आइये आज आपको सुल्तानपुर जिले की इक सच्चाई से करवाता हूँ रूबरू,जंहा देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत को डिजिटल भारत का रूप देने में देश से विदेश जाकर मेहनत कर रहे हैं,
वहीं उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले के भदैया बिकास खंड के 7000 आबादी वाले कुछमुछ गाँव देश के आज़ादी के बाद भी अपनी दुर्दशा पर आज बहा रहा है आँशु।
कितनी सरकारे आईं और कितनी चली गयी, लेकिन कुछमुछ गाँव वहीं का वहीं अपनी विकास की बाँट जोटने में पड़ा है।
आपको बता दें,जिला मुख्यालय से मात्र 10 किलोमीटर दूर आज़ादी के पहले बसा कुछमुछ गाँव जंहा पर सभी समुदाय के लोग इस गांव में गुजर बसर करते हैं।
गांव को प्रधानमंत्री सड़क योजना दो हिस्सों में बांटती है। पहले तो ग्राम वासियों ने अपने सपने संजोए की अब शायद इस गाँव की कुछ सूरत बदलेगी,लेकिन गाँव के मुखिया ने दूसरी छोर पर बसे लोगों की दिन व रात की नींद छीन ली है। जिससे इनको समाज और गांव के प्रति उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है,
कई बार केवट समाज के लोगों ने ग्राम प्रधान से सिफारिश भी की,कि कुछ हम लोगों के लिए सुविधा दिला दें तो ग्राम प्रधान ने पूरी बस्ती में सिर्फ एक इंडिया मार्का हैण्डपम्प देकर और लगभग 400 मीटर का खड़ंजा अपना पीछा छुड़ाया।
न तो उस गाँव मे अभी तक बिजली की व्यवस्था है ना ही सही ढंग से पीने के लिए पर्याप्त पानी। जब भी गाँव मे कोई बड़ा कार्यक्रम होता है तो गाव के बगल बह रही गोमती नदी के पानी से अपनी व्यवस्था को गांव के लोग पूरा करते हैं।
जब भाजपा के ऊर्जा मंत्री पास के दूसरे गांव परूपुर में अपनी एक निजी कार्यक्रम को लेकर आये थे तो कुछमु्छ गाँव की केवट समाज की महिलाओं ने माननीय मंत्री जी के काफिलों को रोक कर अपनी व्यथा सुनाई लेकिन मंत्री जी भी दो महीने का वादा करके अपना पल्ला झाड़कर वहां से चले गए।
आज तक न तो यंहा बिजली की व्यवस्था हुई, न ही पानी की।
जब इस गाँव की हकीकत जनपद के आलाधिकारियों को बताया गया तो वो भी अनजान बनते हुए कार्यवाही की बात करते हैं। आखिर कुछमुछ गाँव अपनी व्यथा किसको सुनाए बस इसी आस लागाये अपने गाँव मे गुजर बसर कर रहे है ग्रामीण,
इनकी फरियाद न तो जिलाधिकारी हरेन्द्र वीर सिंह सुन रहे हैं और न ही प्रधान ,साथ ही वहां के स्थानीय नेता और न ही प्रदेश के ऊर्जा मंत्री को इनकी बात सुनाई दे रही है।
गांव की उम्मीद अब सिर्फ प्रदेश के सीएम योगी से है उनका कहना है किसी न किसी दिन तो सीएम तक ये बात पहुंचेगी और हमारा गांव भी विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा।
दीपांकुश चित्रांश की खाश पेशकश..