गरीब मजलूम परिवारों के राशन का लाभ उठा रहे अधिकारी व कोटेदार जनप्रतिनिधि से न्याय की उम्मीद तो वो भी कालाबाज़ारी करने वालों के हाथों में खेल रहे इस पर ग्रामीणों का सड़कों पर उतरना जायज़ है इसी व्यथा के साथ तहसील कादीपुर के ग्राम दुल्लापुर गांव के ग्रामीणों ने पूर्ति अधिकारी और कोटेदार के खिलाफ सड़को पर उतर सैकड़ो ग्रामीणों ने जमकर की नारेबाज़ी। जिलाधिकारी से लेकर जिलापूर्ति अधिकारी और मुख्यमंत्री से भी किया ग्रामीणों ने शिकायत लेकिन इनकी कोई सुनवाई नहीं।
२७ वर्षो से काबिज़ बाबूलाल गुप्ता की दबंगई आज भी ग्रामीणों के सर चढ़कर बोल रही है जिसके विरोध में आज तहसील कादीपुर क्षेत्र के दुल्हापुर गाँव के क़रीब सैकडो महिला.पुरुष गांव के सड़क पर आ धमके इन गांव वालों का आरोप है कि कोटेदार बाबूलाल गुप्ता कोटे में अनिमियता एवं कालाबाज़ारी करता है जिसको लेकर इसका कोटा निलंबित किया गया था लेकिन रुपये लेकर फिर बहाल कर दिया गया । जिसकी शिकायत हम ग्रामीणों द्धारा डीएम और एसडीएम एवं जिलापूर्ति अधिकारी को समस्याओं से औगत कराया गया था आज इस गांव में ८०० सौ कार्ड धारक होने के बावजूद केवल कुछ ग्रामीणों को राशन दिया जाता है जो दिया भी जाता है उसे कम तौल कर दिया जाता है उससे अधिक पैसे लिए जाते है, बाकी सभी राशन को बेंच दिया जाता है। जोकि आज काफी आक्रोशित होने के बाद सैकड़ो ग्रामीण सड़क पर उत्तर पड़े है।
वही स्थानीय निवासी ७५ वर्षीय दया शंकर यादव का आरोप है कि इस गांव की समस्या बड़ी जबरजस्त यह है कि कोटेदार अपनी मनमर्जी से जो चाहे वह बांटे जो चाहे न बांटे यह कोटेदार एक दो.दिन राशन बांटते है उसके बाद जाने वालो को वापस भगा देते है।
वही स्थानीय निवासी महिला ७२ वर्षीय फूलमती का कहना है कि हम जब नया राशन कार्ड लेकर जाते है तो राशन न देकर जाने को कहते है और कहते है कि इस कार्ड पर राशन नहीं मिलेगा। मजबूरन हमें वापस होना पड़ता है। हम क्या करे....... ।
वही स्थानीय निवासी ७८ वर्षीय राम दयाल का कहना है कि हम १०० सौ रुपये कर्ज़ लेकर कोटेदार को दिए लेकिन आज कल करके आज तक मेरा राशन कार्ड बनाकर नहीं दिया गया जिसके कारण आज तक हमें राशन नहीं मिलता है।
वही विजय स्थानीय निवासी ने आरोप लगाया कि राशन कार्ड के बनाने के नाम पर सौ से दो सौ रुपये तक ले लिए जाते है लेकिन आज तक राशन कार्ड नहीं मिल पाया न ही बना है । वही उर्मिला ग्रामीण महिला का आरोप है कि आज राशन कार्ड नहीं बन पाने से हमें बाहर से २० रुपये चावल और आंटा बाहर से खरीद कर खाने को मजबूर है।
वही स्थानीय निवासी राकेश पांडेय का कहना है कि कोटेदार बाबूलाल गुप्ता है जिसकी सरकारी सस्ते गल्ले की दूकान है जो कि चीनी.तेल और भी गल्ला लाता है एक दिन गल्ला बांटता है उसके बाद कोई चला गया तो उसको तेल और भी कोई राशन नहीं मिलता है और जो गल्ला बांटता भी है तो वह घटतौली के हिसाब से बांटता है उसका पैसा ज्यादा लेता है एक दो दिन के बाद कोई भी राशन नहीं देता है जिसकी शिकायत सभी उच्चाधिकारियों से की गई लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। जो कि उसका कोटा सस्पेंट किया गया था पैसा लेकर फिर बहाल कर दिया गया।

No comments:
Post a Comment