पूरे भारत देश में कलकत्ता के बाद उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले का नाम दुर्गा पूजा महोत्सव में दूसरे स्थान पर माना जाता है। वहीँ सुल्तानपुर जिले के नगर में ही सैकड़ो मूर्तियों की स्थापना की जाती है। वही पर सुल्तानपुर जिले में लोग देश विदेश से दुर्गा पूजा महोत्सव देखने के लिए आते है । और यहाँ पर दुर्गा पूजा महोत्शाव ५ दिनों तक चलता है।
गौरतलब है कि जहां पूरे देश में दुर्गा पूजा महोत्सव समाप्ति की तरफ होती है । तब वही सुल्तानपुर जिले में दुर्गा पूजा अपने पूरे सबाब पर होती है । जहां कि सुल्तानपुर में लोग देश विदेश से दुर्गा पूजा महोत्सव देखने के लिए सैकड़ो की तादात में आते है । यहाँ पर पूर्णिमा के दिन मुर्तिया विसर्जन के लिए सुल्तानपुर जिले में रथो पर बैठा कर लगभग ४८ घंटो तक पूरे शहर में घुमाया जाता है । तब सीताकुंड घाट पर एकत्रित होकर एक कतार में नाव द्वारा माता की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है । और पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन के सभी अधिकारियो के उपस्थिति में विसर्जन होता है ।
कलकत्ता के रहने वाले रामपाल यहाँ १९६७ से लगातार आते है और यही पर रहकर सैकड़ो मूर्तियों को तैयार करते है क्योकि सबसे अच्छे कारीगर माने जाने वाले रामपाल की कारीगिरी मशहूर है इसलिए ये अप्रैल और मई महीने में आ जाते है और इनको आस पास के जिलो से भी मूर्तियों का ऑर्डर पर मूर्तियों को तैयार कर समय पर देना होता है जिसमे मोती,घोंघा,चावल और सीप जैसे कई चीजो से मूर्ती बनाने का काम करते है ।
दीपांकुश चित्रांश (दीपू ) की रिपोर्ट

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