सुलतानपुर/ केन्द्रीय माध्यमिक षिक्षा बोर्ड की इण्टरमीडिएट परीक्षा में सरस्वती विद्या मन्दिर वरिश्ठ माध्यमिक विद्यालय, विवेकानन्दनगर, सुलतानपुर अव्वल रहा। विद्या मन्दिर के षिवांग श्रीवास्तव एवं स्टेला मारिस कांवेट के अनन्त प्रकाष पाण्डेय ने समान अंक 95.4 प्रतिषत अर्जित कर जिले के टॉपर हुए हैं। विशयों की तुलना में षिवांग का एक विशय कड़ा माना जा रहा है। दोनों छात्र गणित गु्रप के छात्र हैं तथा दोनों को कुल 477 अंक मिले है। षिवांष ने वैकल्पिक विशय के रूप में कम्प्यूटर तथा अनन्त ने षारीरिक षिक्षा विशय लिया है।
केन्द्रीय माध्यमिक षिक्षा बोर्ड की ओर से परीक्षाफल घोशित समय के अनुसार परीक्षार्थी साइवर कैफे, मोबाइल आदि के माध्यम से अपना परीक्षाफल देखने में लग गये थे। दोपहर से ही परीक्षाफल को लेकर बधाइयों का सिलसिला षुरू हो गया। सरस्वती विद्या मन्दिर में छात्र-छात्राओं ने अच्छे अंक की खुषी आचार्य-आचार्यों के साथ बॉटी।
इस मौके पर माजूद विद्या भारती पूर्वी उ.प्र. क्षेत्र के संगठन मंत्री डोमेष्वर साहू एवं विद्यालय के प्रबन्धक सुनील कुमार श्रीवास्तव ने मेधावियों को लड्डू खिलाकर उन्हें सफलता की बधाई दी।
विद्यालय के प्रधानाचार्य षेशमणि मिश्र ने बताया कि इण्टरमीडिएट में जिले के सभी विद्यालयों में सरस्वती विद्या मन्दिर का परीक्षाफल 93.54 सर्वश्रेश्ठ रहा है। विद्यालय के छात्र ने जिले में टॉप कर विद्यालय परिवार को गौरवान्वित किया है। विद्यालय के सर्वश्रेश्ठ परीक्षार्थियों में षालू तिवारी - 93.8, आलोक कुमार त्रिपाठी- 93.2, आषीश तिवारी- 91.4, ज्ञानेष - 90.8, गौरव वर्मा - 90 प्रतिषत अंक प्राप्त किया है। ये सभी विद्यार्थी विज्ञान ग्रुप के है। कामर्स गु्रप में छात्र देषगौरव श्रीवास्तव ने सर्वाधिक 88.6 प्रतिषत अंक अर्जित किया है।
कोटा तैयारी करने गये टॉपर छात्र षिवांग श्रीवास्तव ने दूरभाश पर बताया कि उसके इस उपलब्धि के लिए माता-पिता, परिवार के साथ विद्यालय के गुरूजनों को श्रेय जाता हैं। षिक्षा की गुणवत्ता बनाने के लिए हमने कभी भी ट्यूषन कोचिंग नहीं की। विद्यालय के गुरूजनों ने इतना सहयोग किया कि हमें कोचिंग की आवष्यकता महसूस ही नहीं हुई। हमने सभी विशयों को बराबर महत्व देकर प्रतिदिन सभी विशय की तैयारी की। जितना समय कोचिंग में लगाते है उससे कम समय स्वाध्याय में देकर ज्यादा फायदा होता है। स्वाध्याय के कारण हाईस्कूल में भी परीक्षाफल 10 सीजीपीए रहा। षिवांग ने बताया कि वह इस समय कोटा में आई.टी. जे.ई. की तैयारी कर रहा है। उसका सपना एक अच्छा इंजीनियर बनना है। षिवांग के पिता प्रवीन कुमार श्रीवास्तव खुद एक चिकित्सक है और माता श्रीमती स्वेता श्रीवास्तव एक कुषल गृहणी हैं। छोटे-भाई बहन भी मेधावी है।
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