सुलतानपुर 25 मई, मुख्य विकास अधिकारी/प्रभारी जिलाधिकारी राम यज्ञ मिश्र ने बताया कि जनपद में 1 मार्च 2016 से राष्टीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 लागू है। जिसके अन्तर्गत प्रायोरिटी हाऊसहोल्ड (पात्र गृहस्थियों ) की पात्रता के लिये एक्सक्लूजन/ इन्क्लूजन क्राइटेरिया निर्धारित है। उन्होने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में समस्त आयकर दाता ,ऐसे परिवार जिसके किसी भी सदस्य के स्वामित्व में चार पहिया वाहन अथवा ट्रैक्टर अथवा हार्वेस्टर अथवा वातानुकूलन यन्त्र अथवा 5 के.वी.ए. या उससे अधिक छमता का जनरेटर हो, ऐसे परिवार जिनके समस्त सदस्यों की आय 2 लाख रूपये प्रतिवर्ष से अधिक हो तथा ऐसे परिवार जिनके सदस्यों के पास एक से अधिक शस्त्र का लाइसेन्स / शस्त्र हो वे अपात्रता की श्रेणी में आयेगें। उन्होने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में पात्रता का अधार ऐसे व्यक्ति या उनके परिवार जो भिक्षावृत्ति करने वाले हो, घरेलू कामकाज करने वाले हो, जूते चप्पल की मरम्मत करने वाले हो ,फेरी लगाने वाले ,खोमचे वाले ,रिक्शा चालक, कुष्ठ रोग से प्रभावित/एड्स से पीड़ित ,अनाथ /माता -पिता विहीन बच्चे, स्वच्छकार, भूमिहीन मजदूरों के परिवार, गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार,परित्यक्त महिलाएं , ऐसे परिवार जिनका मुखिया निराश्रित महिला विकलांग अथवा मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति है व इनके परिवार में कोई अन्य बालिग पुरूष नहीं है, आवासहीन परिवार एवं ऐसे परिवार जिनके स्वामित्व में 30 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक के ऐसे कच्चे आवास हो जो उनकी निजी भूमि पर हो तथा जिनमें वे स्वयं निवास करते हों सम्मिलित माने जायेगें। ट्रांसजेण्टर कम्प्यूनिटी के सदस्य (किन्नर) यदि वे एक्सक्लूजन क्राइटेरिया में न आते हों, अतिकुपोषित बच्चों के परिवार पात्रता की श्रेणी में आयेगें।
प्रभारी जिलाधिकारी ने बताया कि शहरी क्षेत्र में ऐसे व्यक्ति अपात्रता की श्रेणी में आयेगें जो आयकर दाता हों, ऐसे परिवार जिसके किसी सदस्य के पास चार पहिया वाहन हो अथवा वातानुकूलन यन्त्र अथवा 5 के.वी.ए. या उससे अधिक छमता का जनरेटर हो, ऐसे परिवार जिनके स्वामित्व में अकेले या अन्य सदस्य के साथ 100 वर्ग मीटर से अधिक का स्वाअर्जित आवासीय प्लाट या उस पर स्वनिर्मित मकान अथवा 100 वर्ग मीटर से अधिक कार्पेट एरिया का आवासीय फलेट् हो ऐसा परिवार जिसके किसी सदस्य के स्वामित्व में अकेले या अन्य सदस्य के साथ 80 वर्ग मीटर या उससे अधिक कार्पेट एरिया का व्यवसायिक स्थान हो अथवा ऐसे परिवार जिनके समस्त सदस्यों की आय 3 लाख रूपये से प्रति वर्ष से अधिक हो, ऐसे परिवार जिनके सदस्यों के पास एक से अधिक शस्त्र का लाइसेन्स /शस्त्र हो ऐसे परिवार अपात्रता की श्रेणी में आयेगें।
उन्होने बताया कि शहरी क्षेत्र में ऐसे व्यक्ति पात्रता की श्रेणी में आयेगें जो व्यक्ति या उनके परिवार कुष्ठ रोग से प्रभावित /एड्स से पीड़ित , अनाथ /माता पिता विहीन बच्चे , परित्यक्त महिलाएं , कचरा ढ़ोने वाले /स्वच्छकार अथवा ऐसे परिवार जिनकी आय का वर्तमान मुख्य स्त्रोत भिक्षावृत्ति, घरेलू कामकाज, जूते चप्पल की मरम्मत या फेरी लगाने वाले ,खोमचे वाले ,रिक्शा चालक अथवा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एवं तत्पश्चात अन्य वर्गों के भूमिहीन मजदूरों के ऐसे परिवार जिनके मुखिया दैनिक वेतन भोगी मजदूर यथा कुली, पल्लेदार हैं अथवा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार (राजस्व विभाग के अद्यावधिक आय प्रमाण पत्र के आधार पर) , अथवा ऐसे परिवार जिनका मुखिया निराश्रित महिला विकलांग अथवा मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति है एवं इस परिवार में कोई अन्य बालिग पुरूष नहीं है, आवासहीन परिवार, ऐसे परिवार जो ऐसे आवासों में रहते हैं जिनकी छत पक्की न हो , ट्रांसजेण्टर कम्प्यूनिटी के सदस्य ( अर्थात किन्नर) यदि वे एक्सक्लूजन क्राइटेरिया में न आते हों, अतिकुपोषित बच्चों के परिवार पात्रता की श्रेणी में आयेगें एवं उपरोक्त के अतिरिक्त अन्य सभी आय के क्रम में अथवा उपरोक्त मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार यदि चिन्हित परिवार का कोई व्यक्ति बाहर चला जाता है तो उसका नाम पूर्व निवास स्थान से काटकर नवीन स्थान से जोड़ा जायेगा।

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