जनपद सुल्तानपुर के वाणिज्य कर के भ्रष्ट डिप्टी कमिश्नर के खिलाफ कारवाई न होने से गुस्साए अधिवक्ताओं ने मोर्चा बंदी कर प्रदर्शन जारी है। आरोप है कि डिप्टी कमिश्नर खण्ड तीन के पद पर तैनात संजीव कुमार सिंह की कार्यप्रणाली दूषित है। बताते चलें कि डिप्टी कमिश्नर द्वारा अधिवक्ताओं एवं व्यापारियों के अधिकारों के दुरूपयोग और उत्पीड़न की पूर्व में समाजवादी पार्टी के वर्तमान विधायक अनूप संडा के माध्यम से शिकायत कमिश्नर वाणिज्यकर मुकेश मेश्राम से की गई थी। मेश्राम के निर्देश पर एडिश्नल कमिश्नर वाणिज्य कर फ़ैजाबाद अखिलेश शुक्ल ने 18 जुलाई 2016 को सुल्तानपुर में अधिवक्ताओं व् व्यापारियों और विधायक से भेंट करके लिखित और मौखिक साक्ष्य प्राप्त किये थे। वही समस्त शिकायतें सही पाई गई थी और दो दिनों के भीतर कमिश्नर मेश्राम को रिपोर्ट प्रेषित कर दी थी। हैरत की बात तो ये है कि दोषी पाये जाने के बाद भी सम्बंधित अधिकारी के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। सरकार के इस रवैये से नाराज़ अधिवक्ताओं ने एक बार फिर दोषी अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोला रखा है।Saturday, August 27, 2016
डिप्टी कमिश्नर के खिलाफ खोला मोर्चा
जनपद सुल्तानपुर के वाणिज्य कर के भ्रष्ट डिप्टी कमिश्नर के खिलाफ कारवाई न होने से गुस्साए अधिवक्ताओं ने मोर्चा बंदी कर प्रदर्शन जारी है। आरोप है कि डिप्टी कमिश्नर खण्ड तीन के पद पर तैनात संजीव कुमार सिंह की कार्यप्रणाली दूषित है। बताते चलें कि डिप्टी कमिश्नर द्वारा अधिवक्ताओं एवं व्यापारियों के अधिकारों के दुरूपयोग और उत्पीड़न की पूर्व में समाजवादी पार्टी के वर्तमान विधायक अनूप संडा के माध्यम से शिकायत कमिश्नर वाणिज्यकर मुकेश मेश्राम से की गई थी। मेश्राम के निर्देश पर एडिश्नल कमिश्नर वाणिज्य कर फ़ैजाबाद अखिलेश शुक्ल ने 18 जुलाई 2016 को सुल्तानपुर में अधिवक्ताओं व् व्यापारियों और विधायक से भेंट करके लिखित और मौखिक साक्ष्य प्राप्त किये थे। वही समस्त शिकायतें सही पाई गई थी और दो दिनों के भीतर कमिश्नर मेश्राम को रिपोर्ट प्रेषित कर दी थी। हैरत की बात तो ये है कि दोषी पाये जाने के बाद भी सम्बंधित अधिकारी के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। सरकार के इस रवैये से नाराज़ अधिवक्ताओं ने एक बार फिर दोषी अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोला रखा है।
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