सुल्तानपुर जनपद में पहली रैली में पहुंचे ओवैशी । प्रदेश में अब तक 39 रैलियों पे पाबंदी के बाद एआईएम प्रमुख असदऊद्दीन ओवैसी ने यहां 40वीं रैली की स्वीकृत मिलते ही समाजवादी पार्टी के प्रति दिल में भरे गुस्से को उगल डाला। ज़िले के इसौली विधानसभा के इस्लामगंज बाज़ार में आयोजित जनसभा में ओवैसी ने कहा कि हम हिंदुस्तान के इज्ज़तदार शहरी हैं हम यहां किरायेदार नहीं बल्कि यहां के मालिक हैं। इस्लामगंज बाज़ार के खचाखच भरे मैदान में उमडी भीड़ को सम्बोधित करते हुए ओवैसी ने बीजेपी और समाजवादी पार्टी को निशाने पर रखते हुए कहा समाजवादी पार्टी विकास और ला इन आर्डर समेत हर मुद्दे पर फेल है। अब तो चाचा .भतीजे में लड़ाई भी हो गई तो वालिद को कहना पड़ा के मेरा भाई चला गया तो पार्टी भी चली जायेगी।
ओवैसी ने कहा की मुलायम सिंह यादव जी आपको न चाचा बचा सकेंगे न आपका बेटा! उन्होने कहा मुसलमानों का जितना नुकसान समाजवादी पार्टी ने किया उतना किसी ने नहीं किया। 2012 के चुनाव में 18 परसेंट रिज़र्वेशन की बात करने वालों से पूछना चाहता हूं कितना परसेंट दिया अपनों में मौजूद ओवैसी ने ये उदाहरण देते हुए कहा कि 8 परसेंट यादव हैं और उनकी हुकूमत है लिहाज़ा वक़्त आ गया है मुसलमान और दलित भाई एकजुट हो जायें। इस ग़लत फहमी में मत जिये कि भाजपा आ जायेगी। मेरा सवाल है सपा.बसपा से कि भाजपा को कैसे रोका कि दिल्ली की हुकूमत उसके हाथो आ गई उधर पीएम मोदी पर हमलावर होते हुए ओवैसी ने कहा की लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रदेश का एक गांव हैं जहां तरक्की है जबकि दूसरे दिन मीडिया ने लिखा की उक्त गांव में 12.15 घंटे लाइट नहीं आती। उन्होने कहा कैसे प्रधानमंत्री हैं के लालकिले पर खड़े होकर भी सच्चाई नहीं बताते वैसे 40 मिनट के ओवैसी के बयान को जो भीड़ उमडी थी उसमें वोटर कम और चिल्लर ज़्यादा रहे। यहां का विधायक अपने ही ज़िला पंचायत अध्यक्ष पर लगाता है आरोप।
जनसभा से चलते चलते ओवैसी ने इसौली के स्थानीय विधायक अबरार अहमद को भी नहीं बक्शा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी भाईचारे की बात करती है। जबकि अफसोस के साथ कहना पड़ता है कि यहां का विधायक अपने ही ज़िला पंचायत अध्यक्ष पर आरोप लगाता है। ओवैसी के इस बयान से रुख साफ है कि इस संगीन मामले में सपा प्रमुख को कार्यवाही करनी चाहिए थी जो नहीं हुई।
वही जब ओवैशी के आरोपो को लेकर सुल्तानपुर सपा विधायक अनूप संडा जी से मीडिया ने बात की तो सपा विधायक का कहना था कि ओवैशी साहब बाते चाहे जितनी जोरदार ढंग से कहें लेकिन उनकी पार्टी एक जिले मात्र की पार्टी है और जिन सवालात को अपने संबोधन में उठाया अगर उनके अंदर साहस होता तो जिस आंध्र प्रदेश के हैदराबाद से वो चुन कर आते हैं उसी आंध्र प्रदेश में एक दलित क्षात्र रोहित वैमुला को आत्महत्या करने के लिए बाध्य होना पड़ा उसको न्याय क्यों नहीं दिला पाए ओवैशी साहब ......... ! और आज उत्तर प्रदेश के दलितों को न्याय दिलाने के लिए आये हैं.......
और आंध्र प्रदेश में जहाँ से ओवैशी साहब आते हैं वहां टी. डी.पी. की सरकार है जो भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एन.डी.ए.का एक घटक दल है वहां पर जब अपने प्रदेश में ओवैशी साहब मुसलमानो को दलितो को एक जुट करके बी.जे.पी.का रास्ता नहीं रोक सके तो मुझे तो ऐसा लगता है की उत्तर प्रदेश में वो भी बी.जे.पी. की मदद करने के लिए आये हैं
और जहाँ तक समाजवादी पार्टी में उन्होंने अन्तर्कलह की बात कही है तो मैं एक बात बता देना चाहता हूं कि समाजवादी पार्टी आतंरिक लोक तंत्र में विस्वाश रखने वाली पार्टी है और इस पार्टी में आपसी संवाद की छूट है समाजवादी पार्टी में किसी एक व्यक्ति के तानाशाही नहीं कायम है इसलिए दल के अन्तर्गत सब अपनी अपनी भावनाओ को नेतृत्व के समक्ष व्यक्त करते हैं और नेतृत्व उन पर विचार करके फैसला करता है।
ओवैशी द्वारा विकाश पर लगाए गए आरोप पर सपा विधायक ने उनकी आँखों पर पर्दा पड़े होने की बात कही।

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