हर वर्ष की तरह बाबा अमरनाथ की यात्रा के लिए देश के हर कोने कोने से दर्शन करने के लिए दर्शनार्थियों का लगता था मेला ।कश्मीर के हालात खराब होने के कारण काफी कठिनाइयों को सामना करना पड़ा शिवभक्तों जो 10 जुलाई को बाबा अमरनाथ धाम की यात्रा पर दर्शन के लिये गये सुल्तानपुर जनपद के 15 सदस्यीय राकेश सोनी गुप्तारगंज , राकेश कसौंधन गुप्तारगंज केएन पाठक बैजू का पुरवा,अखिलेश तिवारी बल्लीपुर जमुना सिंह रामदासपुर, कुलदीप अग्रहरि भरथीपुर,हरिपाल विश्वकर्मा आदि शिवभक्तों की टोली दर्शन कर आज वापस लौटकर आयी।
सुल्तानपुर से स्पेशल रिपोर्ट
कश्मीर में शिव भक्तों से वहां के तनाव पूर्ण माहौल में दर्शन कर लौटने पर जब बात की गयी तो उन्होंने भारतीय सेना व बीएसएफ के जवानों द्वारा स्थिति पर नियंत्रण बनाये रखने की बात कही गयी। दर्शनार्थियों ने बताया की सुरक्षा के दृष्टिकोण से पहलगम की तरफ से यात्रा को पूरी तरह बन्द कर दिया गया है बालटाल के रास्ते ही दर्शनार्थियों को भेजा जा रहा है। गोसाईंगंज थाना क्षेत्र के रामदासपुर निवासी जमुना सिंह,राकेश सोनी और अमित गुप्ता से बाबा बर्फानी की यात्रा पर जब बात की गयी तो दर्शनार्थियों ने बताया की 10 जुलाई को 15 सदस्यीय टीम की उनकी टोली वाराणसी.जम्मूतवी ट्रेन से सुल्तानपुर से रवाना हुयी थी। जो 11 जुलाई को लगभग दो बजे अपराह्न ट्रेन ने जम्मू पहुँच गए। उसके बाद कश्मीर और जम्मू के बार्डर पर जवाहर टर्नल पर स्थिति सामान्य न होने कारण सुरक्षा की दृष्टिकोण से 5 से 6 घण्टे रोका गया। सेना आई तो उन्हें वहा से निकाला गया। उपद्रवियों द्वारा अंनतनाग में पत्थर बाजीए ड्राइवरों को उपद्रवियों द्वारा मारा गया। गाड़ी के कांच टूटे गए सेना ने उपद्रवियों को खदेड़ते हुये स्थिति पर नियंत्रण पाया। श्रीनगर में छिटपुट पत्थर बाजी हुयी लेकिन चप्पे.चप्पे पर सेना के जवान तैनात होने से अराजक तत्वो के मंसूबों को जवानों ने कामयाब न होने दिया। उपद्रवी गतिविधयों के कारण सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखकर दर्शनार्थियों का जत्था सेना की कड़ी सुरक्षा में छोड़ा जा रहा। 13 जुलाई की सुबह लगभग 6 बजे हम लोगों की टोली को एक जत्थे के साथ यात्रा की शुरुआत करने का मौक़ा मिला। और दर्शनार्थियों का जत्था बालटाल के रास्ते बाबा धाम पहुंच गया। दर्शनार्थियों ने बताया की 14 जुलाई की रात दर्शन पाने के बाद करीब 11रू 30 बजे हम लोगों को वहां से निकाला गया। आते समय किसी जगह कोई समस्या उत्तपन्न नही हुयी पूरे रास्ते में फौज लगी हुयी थी। श्रीनगर इलाके के किसी स्थान पर रात 3:30 बजे के आस पास कुछ लोग इकठ्ठा हो रहे थे लेकिन सेना की मुस्तैदी की वजह से उनको खदेड़ा गया। 24 घण्टे की यात्रा के बाद दर्शन मिल पाया सेना दर्शनार्थियों के जत्थों को रोक.रोक कर आराम.आराम से आगे बढ़ा रही थी। सीआरपीएफ और सेना के बल पर ही वहां दर्शन हो पाया। चप्पे चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम परिंदा पर नही मार सकताए सेना विरोधी ताकतों को दे रही मुंहतोड़ जवाबएपरेशान न हो परिजन सेना दर्शनार्थियों का रख रही है पूरा खयाल। वही सुल्तानपुर जनपद के दर्शनार्थियों के अभी भी है हौसले बुलंद कहते है कि जबतक हमारी हिन्दुस्तानी सेना है कोई भी बालबांका नहीं कर सकता हम भक्तो पर बाबा अमरनाथ भोले बाबा की कृपा रहेगी हमलोग दर्शन के लिए जाते रहेंगे चाहे हमें अपनी जान ही क्यों न गवानी पड़े। चाहे वो लोग कितना भी अत्याचार करते रहे ।
